राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भारत के इतिहास के एक अहम पहचान हैं। Indian rupees पर उनकी फोटो उनकी स्थायी विरासत और प्रभाव का प्रमाण है। इस लेख में आप जानेंगे कि भारतीय मुद्रा पर गांधी की छवि के पीछे का कारण और इसका महत्व क्या है
कब से शुरु हुए ये नोट
भारतीय मुद्रा नोटों पर गांधी की छवि 1996 में शुरू की गई थी, जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक नोटों की एक नई series शुरु की थी। गांधी की छवि को प्रदर्शित करने का निर्णय भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान और देश के मूल्यों और सिद्धांतों को आकार देने में उनकी भूमिका के लिए अहम और जरूरी था
क्या है इसका मुख्य कारण
1. राष्ट्रपिता कहलाने का प्रतीक
हर किसी देश के मुद्रा पर उस देश का एक अहम चिन्ह होता है सिर्फ उस देश के पहचान के लिए इसीलिए एक राष्ट्रपिता होने के नाते गांधी की छवि राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए राष्ट्रीय सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है।
2. ऐतिहासिक महत्व भी
गांधी की छवि भारत के स्वतंत्रता संग्राम और देश के समृद्ध इतिहास की याद दिलाती है, आजादी में उनका एक महत्त्वपूर्ण योगदान था इसीलिए उनको सम्मान के रूप में नोटों पर उनके images को लगाया गया है
लेकिन पिछले कुछ सालों से नोटों पर गांधी की छवि को लेकर बहस और विवाद होते रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि
गांधी की छवि को और अधिक समकालीन हस्तियों से बदला जाना चाहिए
नोटों पर अन्य राष्ट्रीय नायकों और नेताओं को भी दिखाया जाना चाहिए
हालांकि, RBI ने कहा है कि गांधी की छवि भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
क्या आपको लगता है कि गांधी की छवि भारतीय मुद्रा नोटों पर बनी रहनी चाहिए? नीचे comment में अपनी राय जरूर दें और हमें बताएं ये जानकारी आपको कैसी लगी